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हिंदी दिवस प्रतियोगिता


जब बात चली है
भूले बिसरे वीरों की
मिट्टी में छिपे 
अनगिनत कीमती हीरों की

क्या कलम कभी लिख पाएगी
बलिदान पन्ना माता का
जिसने खुद का बेटा खोकर
स्थान लिया मेवाड़ की माता का।

मरती लक्ष्मीबाई की देह न कोई छू पाए
बाबा गंगाधर ने अपनी कुटिया फूंक दिया था
राणा जब घिरे शत्रुओं से तब माना झाला ने
अपने प्राणों को देश हित में झोंक दिया था।

ये अध्याय अनन्तिम है
ये इतिहास अनन्तिम है
ये हीरे अमित धरोहर हैं
इनका त्याग अनन्तिम है।।


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11 Comments

Swati chourasia

22-Sep-2022 04:24 PM

बहुत खूब

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Gunjan Kamal

22-Sep-2022 02:43 PM

शानदार

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Wahhhh Wahhh बहुत ही खूबसूरत और भावनात्मक अभिव्यक्ति

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